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brahmchari baba satsang samiti(A Public Charitable Trust Registered under Indian Trust Act 1882) |
About brahmchari baba satsang samiti
"Jai Mauni Baba"
योगीराज श्री श्री 1008 देवेन्द्र शरण ब्रह्मचारीजी महाराज (मौनी बाबा)
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ब्रह्मचारी बाबा सत्संग समिति की
स्थापना सन 2000ई. में भारतवर्ष की राजधानी दिल्ली में समाज सेवा, देश
एवं आध्यात्म की उन्नति के उद्देश्य से की गई। भारतवर्ष आदिकाल से ही संतों-गुरूओं का देश रहा है। इन्हीं प्राचीन संतों (देवराहा बाबा, नीमकरोली बाबा, बर्फानी दादा) की परंपरा के वर्तमान हिमालयी संत ''योगीराज श्री श्री 1008 देवेन्द्र शरण ब्रह्राचारीजी महाराज (मौनी बाबा)'' के नाम पर इस संस्था की स्थापना हुई ताकि उनके विचारों को मूर्त रूप दिया जा सके। विगत 12 वर्षों से ब्रह्मचारी बाबा सत्संग समिति समाज के गरीब, उपेक्षित एवं पिछड़े हुये लोगों के सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक उत्थान के कार्य में अपने सीमित संसाधनों के साथ लगी हुई है। समाज के सभी वर्गों के लोगों से यह आह्वान किया जाता है कि सभी लोग इस संस्था से जुड़कर आत्मकल्याण एवं परोपकार के रास्ते पर चलते हुये अपना एवं जगत का कल्याण करें। हिन्दू धर्म में भगवान के विभिन्न अवतार एवं स्वरूप की चर्चा की गई है। भगवान के विभिन्न स्वरूपों का दर्शन हम लोग अभी मूर्ति एवं फोटो के माध्यम से करते हैं। कुछ मनुष्य अपनी सेवा भावना, त्याग तपस्या एवं साधना के रास्ते भगवान के विभिन्न स्वरूपों का दर्शन करके अपने जीवन को धन्य बनाते हैं एवं जगत कल्याण के काम में लग जाते हैं। आम आदमी को भगवान के विभिन्न स्वरूपों का साक्षात्कार नहीं हो पात है। भगवान समय-समय पर अलग-अलग कालखण्ड में अपने प्रतिरूप को आम आदमी के बीच में भेजते हैं। जो आम आदमी की तरह संसार में जन्म लेते हैं एवं सांसारिक नियमों का पालन करते हुए गृहस्थ आश्रम त्याग कर संत हो जाते हैं। संत से भगवान प्यार करते हैं। हम आम आदमी संत के रूप में भगवान का दर्शन करके अपना जीवन धन्य करते हैं। संत का दर्शन, पूजन एवं सत्संग आम आदमी को हमेशा सुलभ रहता है। संत के दर्शन, पूजन एवं सत्संग से प्राणियों के दुखों का अन्त होता है एवं सुखों की प्राप्ति होती है, पाप का नाश होता है, कुविचार सुविचार में बदल जाते हैं। उसके बाद प्राणी सुख, शांति एवं समृद्धि से परिपूर्ण होकर परोपकार के रास्ते पर चलते हुये अपना एवं जगत के कल्याण के काम में लग जाता है। संतों ने सत्य को सर्वोपरि माना है और है भी। सत्य की संगति को सभी संतों, ज्ञानियों, मुनियों एवं गुरूओं ने एक सुर से सराहा है। इसी सत्संग को मानव कल्याण, सुख, समृद्धि एवं शांति का द्वार मानते हुए हमने इसे माध्यम बनाया है। |
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Brahmchari Baba Satsang Samiti
A-42, Paryavaran
Complex, South of Saket
New Delhi - 110030, India
Website : www.bbss.org.in
Email : [email protected]
24 Hours Helpline : 0-9911570255
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